गृह विज्ञान परिचय | आवश्यकता | लाभ
इस लेख में आपको गृह विज्ञान का परिचय कराएँगे तथा गृह विज्ञान की आवश्यकता एवं गृह विज्ञान के लाभ की विस्तृत चर्चा करेंगे जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (NET, JRF, TGT, PGT, GIC, LT, B.A, M.A आदि) में पूछा जाता है
Hello Friends इस लेख में हम प्रसार शिक्षा के क्षेत्र की विस्तृत चर्चा करेंगे जो बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। तो आइए देखते हैं …
गृह विज्ञान के तत्व एवं क्षेत्र इस लेख में गृह विज्ञान के विभिन्न शाखाओं या कह ले की विभिन्न क्षेत्रों की सविस्तार चर्चा करेंगे तथा गृह विज्ञान …
Hello Friends, इस लेख में हम गृह विज्ञान के लक्ष्य और गृह विज्ञान के उद्देश्यों की चर्चा करेंगे, लेकिन इसके पूर्व जान लेते है कि ‘गृह विज्ञान क्या है‘ और ‘गृह विज्ञान के जनक कौन है‘।
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मैं Dr. Binita Maurya आपकी Home Science गाइड। आज मैं इस पोस्ट में प्रसार शिक्षा के दर्शन की विशेषताओं के बारे में जानकारी देने का प्रयास करूँगी।
प्रिय पाठकों,
प्रस्तुत लेख में हम प्रसार शिक्षा का अर्थ, परिभाषा एवं आवश्यकता का अध्ययन करेंगे। प्रसार शिक्षा का अर्थ है लोगों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना, ताकि वे अपनी क्षमताओं को विकसित कर सकें और समाज में योगदान दे सकें। प्रसार शिक्षा की परिभाषा है किसी भी उम्र, वर्ग, जाति, या लिंग के लोगों को शिक्षा प्रदान करना। प्रसार शिक्षा की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि यह लोगों को शिक्षित बनाकर उन्हें सशक्त बनाती है। शिक्षित लोग बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
प्रसार शिक्षा वह शिक्षा है जो विद्यालय अथवा किसी संस्थान के सीमाओं से बहार युवाओं तथा प्रौढ़ों को दी जाने वाली शिक्षा है। प्रसार शिक्षा मुख्य रूप से औपचारिक शिक्षा से वंचित ग्रामीणों (कृषकों, पशुपालकों, दुग्ध उत्पादकों, गृहिणियों तथा स्कूल छोड़ने वाले बालकों को) दी जाती है।प्रसार शिक्षा एक निरंतर चलने वाली शिक्षा है जिसका कोई अंत नहीं है।
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