प्रसार शिक्षा का उद्देश्य | Objectives of extension education
प्रसार शिक्षा के उद्देश्य की विस्तृत चर्चा करने से पूर्व हम जान ले कि विस्तार / प्रसार शिक्षा क्या है?
Hello Friends, मैं डॉ. बिनीता मौर्या आप लोगो की Home Science / गृह विज्ञान गाइड। तो आइये ऊपर लिखे बिंदुओं को जानने की कोशिश करते हैं।
प्रसार या विस्तार शिक्षा क्या है? | What is extension education?
प्रसार शिक्षा एक अनौपचारिक शिक्षा है जो शिक्षण संस्थाओं से बाहर औपचारिक शिक्षा से वंचित ग्रामीणों एवं व्यक्तियों को दी जाने वाली शिक्षा है। इस प्रकार हम कह सकते है कि प्रसार शिक्षा का सीधा सम्बन्ध मानव जीवन तथा उससे जुड़ी हुई दैनिक समस्याओं से है। प्रसार कार्य को मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र के विकास तथा ग्रामीण व्यक्तियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।
प्रसार शिक्षा किस प्रकार की शिक्षा है? | What type of education is extension education?
संक्षेप में कहें तो प्रसार शिक्षा अत्यंत गत्यात्मक, लचीली व बहुआयामी शिक्षा है जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जीवन में सुधार लाना एवं ग्रामीणों का विकास करना है। ग्रामीण अपने ही परिवेश में रहकर अपने स्वयं के प्रयसों से नयी जानकारी प्राप्त कर नई तकनीकों को अपनाकर अपने जीवन स्तर या रहन सहन के स्तर को बढ़ायें तथा सुखी जीवन व्यतीत करें। प्रसार शिक्षा के माध्यम से ग्रामीणों को अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी समस्याओं को विषय विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों तक पहुँचाया जाता है।
प्रसार शिक्षा का उद्देश्य | Objectives of extension education
प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (extension education) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जीवन में सुधार लाना एवं ग्रामीणों का विकास करना है। ग्रामीणों के जीवन स्तर तथा रहन-सहन के स्तर को ऊँचा उठाने एवं उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग करना सीखना तथा नवीन तकनीकों एवं उपकरणों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करना ही प्रसार शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है। जैसे कि लीगंस के शब्दों में – “अधिक से अधिक लोगों को आगे बढ़ने के लिए निर्देशित करना ही प्रसार शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।” सी. सी. हार्ने के अनुसार – “सही तरीके से भूमि, जल तथा पशुधन का उपयोग कर ग्रामीण जनता के रहन-सहन को ऊँचा उठाना ही प्रसार शिक्षा का उद्देश्य है।”
Extension education (प्रसार शिक्षा) के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं –
- ग्रामीण लोगों का विकास करना।
- ग्रामीणों में नेतृत्व के गुणों का विकास करना।
- लोगों की कार्यक्षमता, ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि करना। वैज्ञानिकों एवं किसानों के बीच एक कड़ी का काम करना।
- ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में समृद्धि लाना।
- जाति-पाति, छुआ छूत, लिंग भेद, ऊँच-नीच की भावना को दूर करना।
- युवा शक्ति को ग्राम विकास में लगाना।
- स्वास्थ्य तथा स्वछता संबंधी सुविधाओं का विकास करना।
- ग्रामीणों में आत्म विश्वास (self-confidence) को जागाकर स्वस्थ समाज की स्थापना।
- कृषि उत्पादन बढ़ाने तथा नवीन ज्ञान एवं सूचनाओं के साथ ही आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना सिखाना।
- उत्तम गृह प्रबंध, पौष्टिक भोजन की जानकारी और रसोई, बागवानी करना सिखाना।
- जन स्वास्थ्य तथा स्वच्छता सम्बन्धी सुविधाओं का विकास करना।
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• उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय – प्रसार शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य
उम्मीद करती हूँ कि आपको इस लेख में प्रसार शिक्षा क्या है? (prasar shiksha kya hai?), प्रसार शिक्षा किस प्रकार की शिक्षा है? (prasar shiksha kis prakar ki shiksha hai?) व प्रसार शिक्षा/विस्तार शिक्षा के उद्देश्य क्या है? (Prasar shiksha ke uddeshya kya hai?) को आपने अच्छी तरह समझ लिया होगा। यदि यह लेख आप को पसंद आया हो तो इसे लाइक(like) करें और अपने दोस्तों को भी शेयर(share) करें ताकि उन्हें भी इस विषय से जुड़ी जानकारी मिल सके और आगे भी इसी प्रकार की जानकारी के लिए आप मेरी वेबसाइट www.binitamaurya.com को विजिट करें। धन्यवाद !!!