प्रिय पाठकों,
इस लेख में हम जानेंगे की गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा क्या है? और गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएं कौन-कौन सी है। तो आइए शुरु करते हैं।
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएं | Characteristics of Home Science Extension Education
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएं जानने से पहले आइए हम जान लेते हैं कि गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा क्या है?
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा क्या है?–
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा एक व्यावहारिक एवं रोजगार परक शिक्षा है जो केवल गृह विज्ञान की छात्राओं को ही नहीं अपितु ग्रामीण महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए भी आवश्यक है जो किसी कारणवश औपचारिक शिक्षा से वंचित रह गई हैं।
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को व्यावहारिक रूप से ज्ञान प्रदान किया जाता है जिससे वह अपने आस-पास उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग कर समय, शक्ति, एवं धन की बचत कर सकें व अपना व अपने बच्चों एवं परिवार की देखभाल एवं उचित पालन पोषण कर अपने जीवन-स्तर एवं रहन-सहन के स्तर को ऊंचा उठा सके।
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गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएं
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
1. विस्तृत एवं व्यापक क्षेत्र
गृह विज्ञान कला एवं विज्ञान का अनोखा संगम है। गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गृह प्रबंध, मातृ कला एवं शिशु पालन, सिलाई कला, क्राफ्ट आदि कला के विषयों के साथ ही वनस्पति विज्ञान, जीव रसायन, सूक्ष्म जीवन विज्ञान, आदि विज्ञान के विषयों को भी अपने-आप में समेटे हुए हैं। यह शिक्षा परिवार केंद्रित है। गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा विषय जितना बहुआयामी है उतना शायद ही कोई और विषय होगा। गृह विज्ञान विषय घर-परिवार के कल्याण एवं समृद्धि से जुड़ा हुआ है।
2. निरंतर शैक्षिक प्रक्रिया
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा एक निरंतर चलने वाली शैक्षिक प्रक्रिया है, जिसका कहीं कोई अंत नहीं है। इसके अंतर्गत ग्रामीणों को प्रतिदिन नई बातें सिखाई व समझाई जाती हैं। प्रयोगशाला में हो रहे नए आविष्कारों को ग्रामीणों को उनके घरों में एवं खेतों तक पहुंचाया जाता है तथा समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है।
3. स्वैच्छिक कार्य
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा स्वैच्छिक कार्य है। इसमें किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होता। गृह विज्ञानियों द्वारा कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं। इसमें ग्रामीण नेताओं, स्वैच्छिक संगठनों, सरकारी अधिकारियों से मिलकर कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है। किंतु ग्रामीणों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विवश नहीं किया जा सकता है। बल्कि यह ऐच्छिक कार्य है जो ग्रामीणों एवं महिलाओं की सुविधा, रुचि तथा इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कार्यक्रम में आएं या नहीं, अपनाएं या नहीं। किंतु इन्हें कार्यक्रम में भाग लेने व नई बातों को सिखाने के लिए प्रेरित अवश्य किया जाता है।
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4. सहयोग पर आधारित कार्य
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा सहयोग के सिद्धांत पर आधारित है। इसमें प्रसार कार्यकर्त्री के साथ ही ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी भी जरूरी है। परिवार के सदस्यों को भी महिलाओं के उत्थान में सहयोग करना चाहिए।
5. लचीलापन
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की पद्धति ‘लचीली’ है। इसका अर्थ है कि इसके कार्यक्रमों में आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है। इसे गृहिणियों की रुचि, समस्याओं एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। कार्यक्रम बनाते समय यह ध्यान रखा जाता है कि आवश्यकता पड़ने पर इसमें वांछित परिवर्तन किया जा सके।
6. महिलाओं पर केंद्रित
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा महिला केंद्रित है। इसमें जो भी कार्यक्रम बनाए जाते हैं उसमें महिलाओं के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जाता है।
7. व्यवहार परक शिक्षा
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा व्यावहारिक शिक्षा है। इसमें गृहिणियों को घर-परिवार के कार्यों को कुशलतापूर्वक संपन्न करने के तरीके बताए जाते हैं।
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8. अनौपचारिक शिक्षा
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह एक अनौपचारिक शिक्षण पद्धति है। इसमें महिलाओं को शिक्षण संस्थानों के बाहर उनकी आवश्यकता, रुचि, समय एवं समस्या को ध्यान में रखकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा दी जाती है।
9. परिणाम पर आधारित
यह शिक्षा परिणाम पर आधारित शिक्षा है। इसमें प्रसार कार्यकर्त्री ग्रामीणों की आवश्यकताओं को समझने में, उपलब्ध संसाधनों की पहचान में, उनकी सहायता करती हैं। व उनके अभिवृत्तियों/विचारों/कार्यकुशलताओं में परिवर्तन लाने का प्रयास करती हैं । किंतु यह धीरे एवं मंद गति से होता है। इनके परिणाम काफी देर से प्राप्त होते हैं जिसके लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।
10. आवश्यकता पर आधारित
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की एक विशेषता यह भी है कि यह आवश्यकताओं पर आधारित है। ग्रामीणों को वही चीजें सिखाई जाती है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है।
11. वैज्ञानिक पहुंच
गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के सभी कार्यक्रम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ओत-प्रोत होते हैं, क्योंकि गृह विज्ञान कला एवं विज्ञान का अनोखा संगम है। जिसमें विज्ञान के विषयों को भी रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।
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