प्रिय पाठकों,
जैसा कि हम सब जानते हैं प्रसार शिक्षा मुख्यतः ग्रामीण लोगों की शिक्षा है। प्रसार कार्य का क्षेत्र बहुत व्यापक है इसकी अनेक शाखाएं होती हैं। प्रसार कार्य से जुड़े सभी लोगों को प्रसार कार्यकर्ता कहा जाता है। प्रसार कार्यकर्ता की भूमिका प्रसार कार्य में अत्यंत महत्वपूर्ण रहती है। प्रसार कार्यकर्ता का क्षेत्र बहुआयामी होता है। प्रस्तुत लेख में हम प्रसार कार्यकर्ता के कार्यों के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
प्रसार कार्यकर्ता के कार्य
(FUNCTIONS OF EXTENSION WORKER)
प्रश्न – प्रसार कार्यकर्ता के कार्यों का वर्णन कीजिए।(Prasar karyakarta ke karyon ka varnan kijiye)
उत्तर – प्रसार कार्यकर्ता के कार्यों का वर्णन
प्रसार कार्य में प्रसार कार्यकर्ता की भूमिका बहुमूल्य है। उसका कार्य बहुउद्देशीय है। प्रसार कार्यकर्ता का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों/व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए निरंतर कार्य करना होता है।
प्रसार कार्यकर्ता का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदारी भरा होता है। प्रसार कार्यकर्ता के कार्य को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
1. ग्रामीणों/लोगों के साथ बातचीत कर उनसे परामर्श करके, उनकी इच्छाओं, रुचियों व जरूरतों को समझना और उनके हित को ध्यान में रखकर उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु कार्यक्रम बनाना तथा प्रसार कार्यक्रम की रूपरेखा बनाकर प्रसार पर्यवेक्षक के सामने प्रस्तुत करना व क्रियान्वित करवाना।
2. लोगों के साथ संपर्क बनाकर नए कार्यक्रमों के बारे में बताना और लोगों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित करना।
3. ग्रामीणों/लोगों के घरों व कार्य क्षेत्र तक जाकर उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करना वह हल बताना।
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4. प्रसार कार्यकर्ता ग्रामीणों एवं विषय विशेषज्ञों के बीच एक कड़ी (Chain) की तरह कार्य करता है वह ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए विषय विशेषज्ञों को गांव में बुलवाता है या ग्रामीणों को रिसर्च स्टेशन तथा कृषि विज्ञान केंद्र तक पहुंचाता है जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
5. प्रसार कार्यकर्ता का कार्य लोगों का विश्वास जीतना व उनके साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करना। तथा उनमें आत्मविश्वास की भावना जगा कर उन्हें स्वनिर्भर बनने में सहायता करना होता है।
6. ग्रामीणों के सभी धार्मिक व सामाजिक क्रियाकलापों में सक्रिय रूप से भाग लेकर उनसे घनिष्ठता बनाए रखना।
7. प्रसार कार्यकर्ता समय-समय पर सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन करता है जिससे लोगों में आपसी बैर भाव को मिटाकर मित्रतापूर्ण वातावरण तैयार होता है।
8. प्रसार कार्यकर्ता विभिन्न प्रसार माध्यमों जैसे – कठपुतली के खेल, नाटक, रोल प्ले, वार्तालाप, प्रदर्शन, गोष्टी, सभा, भ्रमण, आदि के द्वारा लोगों को अच्छी-अच्छी बातें बहुत ही आसान एवं सरल तरीके से समझाता है।
9. प्रसार कार्यकर्ता प्रसार से संबंधित सभी क्रियाकलापों गतिविधियों, और कार्यक्रमों का लेखा-जोखा रखकर उनका विवरण तैयार करके उन्हें पर्यवेक्षक के सामने प्रस्तुत करता है।
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10. समाचार पत्रों व अन्य संचार के माध्यमों द्वारा प्रसार कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
11. प्रशासन, विविध एजेंसियों, बैंक, जीवन बीमा निगम द्वारा चलाए जाने वाले लाभकारी योजनाओं तथा सेवाओं के बारे में ग्रामीणों को जानकारी देना व उनसे लोगों को लाभान्वित करवाना।
12. ग्रामीण युवाओं व युवतियों को सभी प्रसार कार्यक्रमों में भागीदार बनाकर युवा शक्ति का अधिकतम उपयोग करना।
13. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाते रहना जिससे आपसी मेल-मिलाप होता रहे और साथ ही साथ उनका मनोरंजन भी होता रहे।
14. नशामुक्ति कार्यक्रम चलाना जिससे लोग नशे की लत से दूर रहे और उन में नैतिक एवं चारित्रिक विकास हो सके।
15. उत्तम गृह व्यवस्था के लिए गृहिणी को प्रेरित करना। पौष्टिक एवं संतुलित भोजन बनाना सिखाना। तथा खाली समय में सिलाई-कढ़ाई, बुनाई, आदि करके धनोपार्जन करने के लिए प्रेरित करना।
16. लोगों के लिए साक्षरता कार्यक्रम चलाना।
17. प्रशासन को प्रसार कार्यक्रमों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते रहना, नवीन योजनाओं के लिए सुझाव देना तथा उन्हें कार्यान्वित करने में प्रशासन की मदद करना।
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18. ग्रामीणों/लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देना।
19. ग्रामीणों/लोगों में मानसिक, मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक परिवर्तन लाना जिससे वे नई बातों को सीख एवं अपनाकर अपने रहन-सहन एवं जीवन स्तर को ऊंचा उठा सके।
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